ग्रेट ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट
चर्चे में क्यों
- हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन ने ग्रेट ग्रीन वाल प्रोजेक्ट के लिए 14 बिलियन डॉलर देने की घोषणा की है
- वित्त के अभाव के कारण इस परियोजना की शुरुआत फिर से अफ्रीकी संघ द्वारा अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में की जाएगी
- इस परियोजना के माध्यम से अफ्रीका महाद्वीप के साहेल क्षेत्र को मरुस्थलीकरण, भू निर्जलीकरण और जलवायु परिवर्तन, अकाल, पलायन की समस्या से निजात दिलाना है।
- इस परियोजना का उद्देश्य 2030 तक 100 मिलीयन हेक्टेयर निम्नलिखित भूमि पर पेड़ पौधे की संख्या में वृद्धि करना है
ग्रेट ग्रीन वाल प्रोजेक्ट के बारे में
- इस परियोजना में सहारा मरुस्थल की दक्षिणी सीमा से 11 देश और आंतरिक पार्टनर शामिल हैं
- इस परियोजना की शुरुआत अफ्रीकी संघ ने 2007 में की थी
- इस परियोजना के तहत पश्चिम से पूर्व की ओर अफ्रीकी महाद्वीप के 8000 मीटर लंबे और 15 किलोमीटर चौड़े क्षेत्र में पेड़ पौधों के साथ-साथ वनस्पति धुरी के रूप में विकसित होंगे।
- परियोजना के तहत 100 मिलियन लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए होंगे वांग साहिल क्षेत्र में इस परियोजना का विस्तार पश्चिम में सेनेगल से लेकर पूर्व में जिबूती तक है
- विश्व बैंक ने भी इस परियोजना के लिए साहेल क्षेत्र के 5 देशों बुर्किना फासो, चाड, नाइजर और मॉरिटानिया में 14.5 मिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की है।
साहेल क्षेत्र
- अफ्रीका महाद्वीप का साहेल क्षेत्र चाप के आकार का 3860 किलोमीटर में फैला हुआ भूभाग है जो सहारा मरुस्थल के बिल्कुल दक्षिण में स्थित है।
- इसका विस्तार अफ्रीका की पूर्व से पश्चिम की ओर है
- इस क्षेत्र का अधिकतर शुष्क भूमि बंजर, रेतीला और पथरीला है
- यह क्षेत्र अफ्रीका के उत्तर में स्थित मरुस्थल और दक्षिण के अत्याचारी उपजाऊ उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के मध्य स्थित है
- साहिल क्षेत्र का विस्तार अटलांटिक महासागर के तट पर स्थित सेनेगल से लेकर मॉरिटानिया, माली, बुर्किना फासो, नाइजर,नाइस, चार्ट, सूडान, और लाल सागर के तट पर स्थित इरिट्रिया देश तक है
महत्वपूर्ण तथ्य
- अफ्रीकी संघ अफ्रीका महादेव की 55 देशों का संगठन है
- यह संगठन ओए यू के प्रवृत्ति संगठन के रूप में 2002 में अस्तित्व में आया
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