NTCA ( national Tiger conservation authority) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण
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CA (national Tiger conservation authority) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण |
यह पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का सांविधिक निकाय है इसकी स्थापना 4 सितंबर 2006 को की गई 2006 में संशोधित वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत गठित किया गया भारत में बाघों के संरक्षण के लिए व्यापक निकाय
संगठनात्मक संरचना
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 38 L मैं प्राधिकरण के सदस्यों का वर्णन है
उपाध्यक्ष पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री
इसमें 8 विशेषज्ञ अथवा पेशेवर जिनके पास वन्य जीव संरक्षण और आदिवासियों समेत अन्य लोगों के कल्याण का अनुभव हो इसमें 3 जिनमें से 2 लोकसभा और 1 राज्यसभा का सदस्य होता है
सचिव = वन महा निरीक्षक अथवा बाग या वन्यजीव प्रबंधन में कम से कम 10 वर्ष तक का अनुभव रखने वाला समकक्ष अधिकारी
उद्देश्य
- प्रोजेक्ट टाइगर को वैधानिक अधिकार प्रदान करना ताकि उसके निर्देशों का अनुपालन कानूनी हो जाए
- टाइगर रिजर्व के प्रबंधन में केंद्र राज्य की जवाबदेही को बढ़ावा देना
- टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की आजीविका हितों को संबोधित करना
शक्तियां एवं कार्य
इस प्राधिकरण की शक्तियां एवं कार्य वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा O(1) के तहत प्राधिकरण की शक्तियां एवं कार्य निर्धारित हैं
- राज्य सरकार द्वारा तैयार बाघ संरक्षण योजना को मंजूरी देना
- टाइगर रिजर्व के भीतर खनन उद्योग और अन्य परियोजनाओं के निर्माण जैसे किसी भी गतिविधि को अनुमति ना देना
- टाइगर रिजर्व के बफर और कोर क्षेत्र में बाघ संरक्षण हेतु समय-समय पर प्रोजेक्ट टाइगर के लिए पर्यटन गतिविधियों के मानक तय करना
- बाघों की स्थिति, शिकार, पर्यावास, और सही परभक्षी यों के विषय में देशव्यापी मूल्यांकन करना
- बाघ संरक्षण योजना के बेहतर कार्यान्वयन के लिए वैज्ञानिक सूचना प्रौद्योगिकी और कानून सहायता सहित महत्वपूर्ण समर्थन सुनिश्चित करना
- वन्य जीव प्रबंधन, सुरक्षा उपायों और क्षेत्र विशिष्ट पर्यावरण के विकास को सुनिश्चित करना आदि
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