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कृषि क्षेत्र |
कृषि क्षेत्र (कृषि क्षेत्र)
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र का एक प्रमुख घटक है स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारतीय कृषि अत्यंत पिछड़ी फसलों में थी उस समय कृषि में श्रम और भूमि की उत्पादकता कम थी किसान किसान कृषि कृषि समितियों से कृषि करते थे। केवल जीवन निर्वाह के लिए किए जाने वाले माध्यम थे उन दिनों बड़े पैमाने पर कृषि के कोरिया करण भी नहीं हुए थे
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र का एक प्रमुख घटक है स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारतीय कृषि अत्यंत पिछड़ी फसलों में थी उस समय कृषि में श्रम और भूमि की उत्पादकता कम थी किसान किसान कृषि कृषि समितियों से कृषि करते थे। केवल जीवन निर्वाह के लिए किए जाने वाले माध्यम थे उन दिनों बड़े पैमाने पर कृषि के कोरिया करण भी नहीं हुए थे
स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों का योगदान लगभग 50% था लेकिन इसके पश्चात सकल घरेलू उत्पाद में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की भागीदारी लगभग कम होती रही है वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि के क्षेत्र की भागीदारी है। लगभग 17% है
भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति और विशेषकर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए कृषि क्षेत्र का विकास अत्यंत आवश्यक है यह भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा असंगठित क्षेत्र है और निजी क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले अकेले व्यवसाय हैं।
भारतीय जनसंख्या का लगभग 48% हिस्सा आज भी कृषि और संबद्ध गतिविधियों में कार्यरत है कृषि क्षेत्र में नवीनतम विकास की वजह से खोज हाउसिंग, कोल्ड चेन, सप्लाई चेन, डेरी, मांस, मछली, बागवानी इत्यादि गतिविधियों में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। हैं।
भारत में कृषि उत्पादन लगातार बढ़ रहा है आज भारतीय कृषि भारत की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है भारतीय कृषि का महत्व इस बात में परिलक्षित होता है कि दुनिया की केवल 2.4% क्षेत्र और 4.5 पानी से हम भारत की लगभग 17.5 है। % आबादी का भरण पोषण करने में कामयाब है आज भारत ने खाद्यान्नों मे आत्म निर्भरता प्राप्त कर ली हैं।
भारत में कृषि उत्पादन लगातार बढ़ रहा है आज भारतीय कृषि भारत की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है भारतीय कृषि का महत्व इस बात में परिलक्षित होता है कि दुनिया की केवल 2.4% क्षेत्र और 4.5 पानी से हम भारत की लगभग 17.5 है। % आबादी का भरण पोषण करने में कामयाब है आज भारत ने खाद्यान्नों मे आत्म निर्भरता प्राप्त कर ली हैं।
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(भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व)
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1. अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान
कृषि क्षेत्र का भारत के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान है वित्तीय वर्ष 1950-51 में यह लगभग 51% था वित्तीय वर्ष 2011-12 में यह 14.2% रह गया है राष्ट्रीय आय के आकलन की नई श्रंखला के आधार वर्ष 2016-17 में कृषि एवं संबंधित क्षेत्र का सकल मूल्य संवर्धन में योगदान 17.4% और सकल घरेलू उत्पाद में सकल मूल्य संवर्धन में कृषि की प्रति योगदान में कमी अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व में गिरावट को नहीं दर्शाती है अपितु यह केवल अर्थव्यवस्था की द्वितीय और तृतीय क्षेत्रों में तीव्र तीव्रता वृद्धि है दर्शा परावती है
2.रोजगार
भारत में कृषि रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में भारत में आज भी लगभग 50% कार्यशील जनसंख्या कृषि में कार्यरत है।
भारत में कृषि रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में भारत में आज भी लगभग 50% कार्यशील जनसंख्या कृषि में कार्यरत है।
3. बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए खाद्यान्नों की आपूर्ति
भारत में कृषि क्षेत्र के उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है वित्तीय वर्ष 2015 16 में कुल खाद्यान्नों का उत्पादन 251.57 मिलियन टन रहा जो वित्तीय वर्ष 2016 17 में बढ़कर 273.38 मिलियन टन हो गया है तो अतः वर्तमान में भारत को अपनी विशाल जनसंख्या के खाद्यान्न की आवश्यकता है पूर्ति के लिए पुनरारंभ पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है
4. औद्योगिक विकास के लिए कृषि क्षेत्र का महत्व
कच्चे माल की आपूर्ति के रूप में कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्र की समृद्धि के लिए मुख्य रूप से महत्वपूर्ण है कृषि क्षेत्र के द्वारा औद्योगिक कच्चे मालों जैसे कपड़ा उद्योग को कपास तेल उद्योग को तेल तेल उद्योग को तेल बीजों चीनी उद्योग को गन्ने की आपूर्ति की। जाता है यह खाद्यान्निब उद्योग को कृषि उत्पादों के रूप में अनिश्चित माल उपलब्ध है।
5. आंतरिक व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान
कृषि भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान देती है भारत चाय झूठ काजू तंबाकू कॉफी काजू तंबाकू कॉफी और मसाले आदि का निर्यात करता है यह सभी कृषि वस्तुएं भारत के कुल निर्यात ओं का सबसे बड़ा प्रतिशत साझा करता है।
6.गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका
भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में आधी से अधिक श्रम शक्ति शक्ति अधिक श्रम शक्ति शक्ति शक्ति कृषि क्षेत्र में कार्यरत हैं कृषि आज भी निम्न आय वर्ग एवं निर्धन व्यक्तियों का जीवन आधार है कृषि क्षेत्र खाद्य सुरक्षा का मुख्य अस्त्र है।
7. पूंजी निर्माण में सहयोग।
भारत में पूंजी निर्माण प्रक्रिया में कृषि क्षेत्र का सहयोग लगभग आवश्यक है कृषि उत्पादों के उत्पादन के रूप में और गैर कृषि उत्पादों की मांग के रूप में भारत में कृषि का केंद्रीय स्थान गैर कृषि उत्पादों की मांग के महत्वपूर्ण स्रोत होने के रूप में कृषि अर्थव्यवस्था है। के द्वितीय क्षेत्र में निवेश को प्रेरित करता है कृषि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गहराई से औद्योगिक क्षेत्र में भी संदेह उत्पन्न हो जाता है, इसका परिणाम स्वरूप सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर गंभीर रूप से प्रभावित होता है।
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