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Company ka bharat shasan adhiniyam(कंपनी भारत शासन अधिनियम)

1773 रेगुलेटिंग 
Reguleting act 1773

उद्देश्य
  1. भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यों को नियमित और नियंत्रित करने की दिशा में ब्रिटिश सरकार द्वारा उठाया गया पहला कदम था
  2. किसके द्वारा पहली बार कंपनी के प्रशासनिक और राजनीतिक कार्यों को मान्यता मिली
  3. इसके द्वारा भारत में केंद्रीय शासन की नींव रखी गई
  4. अधिनियम की विशेषताएं
    1. बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल पद नाम दिया गया तथा 4 सदस्य कार्यकारी परिषद का गठन किया गया
    2. इसके द्वारा मद्रास मुंबई के गवर्नर बंगाल के गवर्नर जनरल के अधीन हो गए
    3. कोलकाता में उच्चतम न्यायालय की स्थापना की गई
    4. कंपनी के कर्मचारियों के निजी व्यापार करने और भारतीयों से उपहार व रिश्वत लेने पर प्रतिबंध
    5. कंपनी के गवर्निंग बॉडी ऑफ कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स (COD)की स्थापना की गई


    1784 का पिट्स इंडिया ए
     एक्ट ऑफ सेटलमेंट के नाम से जाना जाता है
    1. राजनैतिक तथा वाणिज्य कार्य को अलग-अलग कर दिया गया
    2. नियंत्रक बोर्ड अर्थात बोर्ड ऑफ कंट्रोल की स्थापना की गई(BOC)
    3. पहली बार भारत को ब्रिटिश आधिपत्य क्षेत्र कहा गया 
    4. ब्रिटिश सरकार को भारत में कंपनी के कार्यों और उसके प्रशासन पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त किया

    1813 का अधिनियम(1813 ka adhiniyam)

    1. चाय के और चीन के साथ व्यापार के अलावा समस्त व्यापारिक विशेष अधिकार समाप्त कर दिया गया
    2. शिक्षा के प्रसार हेतु ₹100000 का प्रावधान किया गया
    3. कंपनी में सेवा से पूर्व इंग्लैंड में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई
    4. भारत में ईसाई मिशनरियों को धर्म एवं अंग्रेजी शिक्षा हेतु प्रसार हेतु आज्ञा प्रदान की गई
    5. कंपनी के अधिकार  20 वर्ष कंपनी के अधिकार पत्र को 20 वर्ष हेतु बढ़ा दिया गया
    6. कुछ सीमा तक ब्रिटिश नागरिकों के व्यापार हेतु खोल दिया गया


    1833 का चार्टर अधिनियम (1833 ka chartar adhiniyam)
     एक्ट ऑफ सेटलमेंट कहा गया
    1. बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया लॉर्ड विलियम बैंटिक भारत के प्रथम गवर्नर जनरल थे
    2. न्यायालय की भाषा फारसी से अंग्रेजी
    3. केंद्रीयकरण का प्रारंभ
    4. भारत में दास सागर घोषित कर दिया गया सती प्रथा समाप्त
    5. योग्यता के आधार पर नियुक्ति
    6. सैनिक और असैनिक कारों के नियंत्रण निरीक्षण एवं निर्देशन का अधिकार गवर्नर जनरल को सौंपा गया
    7. कंपनी को 20 वर्षों हेतु पुणे जीवनदान दिया गया



     1858 का अधिनियम।(1858 ka adhiniyam)

    1. इसी गिफ्ट फॉर द बेटर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया कहां गया
    2. कंपनी का अधिकार उठता है चीन का क्राउन को दे दिया गया
    3. भारत राज्य सचिव नियुक्त किया गया जो ब्रिटिश कैबिनेट का सदस्य थ
    4. भारतीय मामलों पर सीधा नियंत्रण ब्रिटिश संसद का हो गया
    5. मुगल सम्राट का पद समाप्त कर दिया गया
    6. भारतीय गवर्नर का नाम वायसराय कर दिया गया( Lord Canning)
    7. इस दुनिया में नियंत्रण बोर्ड और निर्देशक को समाप्त कर दिया भारत में द्वैध प्रणाली समाप्त कर दिया

    1858 की कानून का प्रमुख उद्देश्य प्रशासनिक मशीनरी में सुधार था जिसके माध्यम से इंग्लैंड में भारतीय सरकार का अधीक्षण और उसका नियंत्रण हो सकता था जिसने भारत में प्रचलित शासन प्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं किया

    1861 भारत परिषद अधिनियम की विशेषताएं
    1. इसके द्वाकानून बनाने की प्रक्रिया में भारतीय प्रतिनिधियों को शामिल करने की शुरुआत हुई इस प्रकार वायसराय कुछ भारतीयों को विस्तारित परिषद में गैर सरकारी सदस्यों के लिए नामांकित कर सकता था 1862 में लौट के आना लेकिन भारतीयों बनारस के राजा पटियाला के महाराजा और सर दिनकर राव को विधान परिषद में मनोनीत किया
    2. इस अधिनियम ने मद्रास और बंबई प्रेसिडेंसी यों को विधाई शक्तियां पुणे देकर विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत की
    3. बंगाल,उत्तर पश्चिम सीमा प्रांत,पंजाब में क्रमशः 1862,1866 और 1897 में विधान परिषदों का गठन हुआ
    4. पोर्टफोलियो प्रणाली को मान्यता मिली
    5.  वायसराय को आपातकाल में बिना काउंसिल की संस्कृति के अध्यादेश जारी करने का अधिकार प्राप्त हुआ जिसकी अवधि मात्र 6 माह होती थी

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